चलो सुनहरे गीत सजायें.....
चलो सुनहरे गीत सजायें ,
दिल में खुशियाँ मीत जगायें ।
जीवन के उजड़े आँगन में,
हॅंसी –खुशी से तीज मनायें ।।
अमराई में झुकी डाल से ,
कोयलिया ने कूक लगायी।
मस्त पवन की पुरवाई से,
खेतों की बालें हरषायी ।।
खुशहाली के गीत गूँजते,
गाँवों की चैपालों में ।
टोरा - टोरी धूम मचाते ,
खेत - मेढ़ , खलिहानों में ।।
सूरज की किरणें भी नभ में,
फैल गयी हैं अभी - अभी ।
मौसम की डालों में कोपल ,
मुसकायी है नयी - नयी ।।
सब के दामन में अब खुशियाँ ,
चलो बिखेरें रंग - भरी।
और चाँदनी के सँग मिलकर ,
रास रचायें हॅंसी-खुशी ।।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’