संवेदना के आत्मीय तन्तु
भूमिका: धुंध के उस पार
धुंध के उस पार: की कहानियाँ
श्रीमती सरोज दुबे का साहित्य सृजन
निर्जीव दीवारों का घर
दो पाटों के बीच
मझधार में
चंदेल
कटघरे में
सुबह का भूला
आस निराश भई
फेस रीडिंग
कागज के फूल
जीत
आत्मघात के बीज
अन्तराल के बाद
कैसी है सीमा
छोटे आदमी बड़ेलोग
दो उँगलियाँ
सिंहनी
अनहोनी
कबाब में हड्डी
जमीन का टुकड़ा
भ्रमर
बदलते रंग
मंगलवेला
चौथापन
शेष शर्त
धुंध के उस पार