हिन्दी हिन्दुस्तान की.....
हिन्दी हिन्दुस्तान की, आन बान औ शान।
सारा जग है जानता, अक्षर से धनवान।।
जन गण मन में प्रेरणा, का फूँका जब मंत्र।
प्राणवान तब हो उठा, आजादी का तंत्र।।
अभिनंदन हम कर रहे, पुरखों का श्रीमान्।
उन कदमों को चूमते, गाते हम जयगान।।
हिन्दी ने इस देश पर, किया बड़ा उपकार।
सबको धागे में पिरो, बनी कंठ का हार।।
पौधा रोपा था कभी, बरगद सा है आज।
भारत में संवाद की, बनी यही सरताज।।
वर्षों इसे सँवारकर, खड़ा किया है आज।
स्मृतियों में वे बसे, उन पर सबको़ नाज।।
बोधगम्य सम्प्रेषणता, कोविद चतुर सुजान।।
भाषाविद् स्वीकारते, कहते सभी महान्।।
हिन्दी का वर्चस्व ही, उन्नति का सोपान।
इसका नित वंदन करें, यह भाषा विज्ञान।।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’