हिन्दू संस्कृति में प्रमुख.....
हिन्दू संस्कृति में प्रमुख, ब्रम्हा विष्णु महेश।
तीनों की ही भक्ति से, हटते हैं सब क्लेश।।
वेद शास्त्रों में लिखा, दनुज, मनुज औ देव।
त्याग तपस्या से सभी, बनते थे अधिदेव।।
वरदानों के वास्ते, सब करते थे जाप।
संकट आने पर यही, हरते थे संताप।।
देव मनुज दानव सभी, ऋषि कश्यप संतान।
संस्कारों को प्राप्त कर, मिली ख्याति पहचान।।
तीनों की माता अलग, पिता रहे हैं एक।
गुण अवगुण पाकर हुए, ग्यानी बुद्धि विवेक।।
दनुज देवता मनुज में, अंतर था बस एक।
पर उपकारी सोच से, बनते थे वे नेक।।
सतयुग में आराध्य थे, येे तीनों ही देव।
दानव को भी राह में, लाते रहे त्रिदेव।।
त्रेता में बदला समय, प्रगट हुए थे राम।
रावण के आतंक से, मुक्त किया था धाम।।
द्वापर में श्रीकृष्ण ने, थाम धर्म की डोर।
कौरव का संहार कर, फैलायी थी भोर।।
कलियुग में स्वार्थी बढे़, परहित भूले लोग।
अनाचार संकट बढ़े कैसे भागें रोग।।
इस युग में हैं छा गए,पहन मुखौटे देव।
छल प्रपंच की आड़ ले, बने सभी अधिदेव।।
यही विकट है त्रासदी, छद्म वेष चहुँ ओर।
मुक्ति मिले इनसे तभी, होगी सुखमय भोर।।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’