इन्द्र के देवदूतों का हिन्दुस्तानी चुनावी दौरा....
भारत से आ रही शिकायतों से
स्वर्गवासी बुरी तरह झल्लाये,
इन्द्र के देवदूत-पुष्पक विमान से
सीधे भारत के दौरे पर चले आये ।
आते ही देखा, चुनावों का दौर
बड़े जोरों से चल रहा था ।
देश का हर मंत्री और नेता
आम जनता की खुशामद कर रहा था ।
कुछ नेता खुदा के नाम पर
ठेकेदारी के टेंडर भर रहे थे ,
तो कुछ भगवान के नाम पर
अपनी राजनीति की गोटियाँ बिछा रहे थे ।
कुछ नेता इंसानों के बीच
जात पाँत की खाईयाँ खोद रहे थे ।
तो कुछ भाषा और क्षेत्रवाद को लेकर
अपना लॅंगोट घुमा रहे थे ।
जिसे देखो वही
भाषण देता नजर आ रहा था ।
कोरे आश्वासनों से
गरीब जनता को लुभा रहा था ।
कोई ध्वनि प्रदूषण करके
जनता को बहरा बना रहा था ।
और कोई रात में
सोते हुए मतदाताओं को
आ- आकर जगा रहा था ।
देश का हर नेता
उसके उज्ज्वल भविष्य के
सपने दिखा रहा था ।
और बेचारी जनता को वह
दिन में ही तारे दिखा रहा था ।
जनता को ऐसी विपत्ति में देख कर
देव दूतों को बड़ी दया आयी ।
और दिल्ली पहुँचते ही उन्होंने
राष्ट्रपति भवन में खबर पहुंचाई
तुरंत ही मुलाकात की
घड़ी निश्चित करवाई ।
महामहिम जी ,
पहले तो इस मुसीबत से घबराये ,
फिर तुरंत ही आगवानी को चले आये ।
देव दूतों ने मिलते ही तुरंत प्रश्न दागा ,
देश का सम्पूर्ण स्टेटमेंट माँगा ।
महामहिम जी,
यह सब क्या हो रहा है?
देश की गरीब जनता का पैसा
चुनावों में ही क्यों बह रहा है ?
मेहनतकश मजदूरों का बुरा हाल है,
बढ़ती हुयी महॅंगाई का
क्या आपको आभास है?
आज देश में कानून
सिर छिपाये रो रहा है,
हिंसा ओैर आतंकवाद का रावण
खिलखिला कर हॅंस रहा है ।
भ्रष्टाचार का दुर्योधन
इस देश की धरती को हिला रहा है ।
स्वर्ग में भी जाकर
वहाँ सबको डरा रहा है ।
बीच में ही देवदूतों को टोंककर ,
महामहिम ने कहा श्रीमान,
मुझे भी इसका आभास है।
मेरे सामने भी देश का
सम्पूर्ण इतिहास है ।
मैं क्या करूँ ?
कुछ समझ में नहीं आ रहा है ।
मुझे भी देश का भविष्य
डूबता ही नजर आ रहा है ।
भारत की राजनीति से आज
सत्य और धर्म का विलोप हो गया है।
हमारे देश के कर्णधारों को
बस धन और कुर्सी से मोह हो गया है ।
इसलिए हे देवदूतो !
मेरा यह संदेश
भगवान तक अवश्य पहुँचा देना
और उस जगतनियंता को
यहाँ के सभी हालात बता देना ।
कब तक हम लोग देश की
दुर्दशा पर रोते रहेंगें ।
और बढ़ते अनाचार का बोझ
यॅूं ही ढोते रहेंगे ।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’