जीवन की गाड़ी सदा.....
जीवन की गाड़ी सदा, चले नेक ही राह।
गलत राह पर जब चले, हो जाते गुमराह ।।
करिए संगति साधु की, कभी न होगा कष्ट ।
संकट कभी न आ सके, सब दुख होते नष्ट।।
मान और सम्मान का, रखें सदा ही ध्यान ।
सुखद शांति घर में रहे, मिलता जग में मान ।।
सदा विवेक से काम लें, मत घबरायें आप ।
मुश्किल के हर दौर में, दूर हटें सन्ताप ।।
संकट जब हो सामने, मत विचलित हों आप।
धीरज साहस साथ रख, सहज भाव से नाप।।
यदि मन में ऊर्जा रहे, सुख मय घर संसार ।
थके हुये मन का सदा, दुखी रहे परिवार ।।
जीना तो सब चाहते, जीने का हो ढंग ।
अनपढ़ होकर जो जिया, वह जीता बेढंग ।।
उत्साहित मन ही सदा, सब को करे निहाल ।
बिगड़े कारज भी बनें, सभी रहें खुशहाल ।।
रखो याद मन में सदा, स्वाभिमान का पाठ ।
जीवन में तब देखना, बदलेंगे सब ठाठ ।।
मस्तक ऊँचा ही रखें, झुके नहीं यह माथ।
जगत पिता के सामने, जुड़ें आपके हाथ।।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’