मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज ’ व्यापक संवेदना के कवि हैं उनकी संवेदना के विषय देश, समाज,प्रणय से लेकर आतंकवाद तक हैं । वे समय सचेत हैं, इसलिए मिखाइल गोर्वाचेव भी उनके काव्य के दायरे में आते हैं । परिवार के प्रति भी उनकी संवेदनात्मक अभिव्यक्ति है । वे वास्तविक सहज संवेदना से प्रेरित हो लिखते हैं ।
मेरी हार्दिक कामना है कि वे भविष्य में इसी तरह और अच्छा काव्य लिखें और ऊॅंचाई तक पहुँचे ।
हरिशंकर परसाई
(प्रख्यात व्यंगकार एवं साहित्कार)
दिनांक-२ सितम्बर सन १९९२