ईश्वर से वरदान मिला है.....
ईश्वर से वरदान मिला है ।
हमको उनसे नहीं गिला है।।
अच्छे भाव रखें हम मन में।
घर आँगन में फूल खिला है।।
पथ में काँटे मिले सदा हैं।
यह तन यों ही नहीं छिला है।।
कल तक था यह गाँव हमारा।
बना दिया अब नया जिला है।।
परिवर्तन जीना सिखलाता।
मुर्दा तन फिर कहाँ हिला है।।
उच्च विचार रहें जीवन में।
जीने की मजबूत शिला है।।
मानवता की सुखद निशानी।
हिन्दुस्तान अभेद्य किला है।।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’