मिट्टी में ही फूल खिला करते हैं.....
मिट्टी में ही फूल खिला करते हैं।
राज-महल में तभी सजा करते हैं।।
धन पर इतराना जग में ठीक नहीं,
घूरे के दिन कभी फिरा करते हैं।
सपनों में खूब उड़ाने जो भरते,
कटे पंख से वही गिरा करते हैं।
संबंधों को हरित बना कर रखना,
सूखे तरु की तरह झरा करते हैं।
जोड़ा गलत राह पर चलकर जिसने
धन पाकर भी नहीं फला करते हैं।
दुखियों के दिल को, सुन मत दुखलाना
आहों के फिर बाण बिधा करते हैं।
चलो रोपते तुलसी के पौधे को,
उसमें ही भगवान बसा करते हैं।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’