संन्यासी द्वय सब पर भारी.....
संन्यासी द्वय सब पर भारी।
उनसे हर बदमाशी हारी ।।
सबके अपने झंडे-डंडे,
रंग-बिरंगी टोपी धारी।
मजहब की कट्टरता फैली,
कैसी छाई यह बीमारी ।
डान माफिया करें राज जब,
जनता पर चलती है आरी।
हिन्दुस्तान बना विश्व गुरू,
पाकिस्तानी बना भिखारी।
सीमाओं पर रक्षा करतीं ,
भारत में जीती अब नारी ।
छाया भारत विश्व जगत में ,
देख रही है दुनिया सारी।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’