सावन की यह घटा नहीं है.....
सावन की यह घटा नहीं है।
अभी अँधेरा छटा नहीं है।।
साथी मिले हजारों लेकिन।
दुख का साथी पटा नहीं है।।
बढ़ी शक्ति भारत की-जबसे।
दुश्मन तबसे सटा नहीं है।।
भारत सद्भावों में जीता।
दुश्मन से मन-फटा नहीं है।।
बैरी जितना-जोर लगा लें।
अपना बाजू कटा नहीं है।।
काश्मीर का मसला सुलझा।
दुश्मन है पर डटा नहीं है।।
भारत का जलवा है देखो।
सत्य सनातन बटा नहीं है।
मनोज कुमार शुक्ल ‘मनोज’